एक तरफ जहां लोग ज्यादा वजन से परेशान हैं, तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो बच्चों के या अपने कम वजन से टेंशन में हैं। आज बात करेंगे वजन बढ़ाने के तौर-तरीकों के बारे में। वजन बढ़ाने के लिए कुछ लोग सप्लीमेंट्स और प्रोटीन का सहारा लेते हैं। लेकिन अगर आप हेल्दी तरीके से वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में हेल्दी फूड्स को शामिल कर सकते हैं।
वजन बढ़ाने के लिए अकसर लोग डाइट में दूध शामिल करने की सलाह देते हैं। लेकिन सिर्फ दूध ही नहीं, इसमें कुछ कैलोरी और हेल्दी फैट वाली चीजों को मिलाने से फायदा मिल सकता है। यह फायदा आपको खसखस से मिल सकता है, जिसे दूध के साथ मिलाकर खाने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है। तो चलिए, डाइटीशियन अनु अग्रवाल से जानते हैं वजन बढ़ाने के लिए क्या करें।
एक फूल से मिलता है खसखस, दुनिया में कई हैं किस्में
खसखस का असल ताल्लुक अफीम से है जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं। खसखस बनाने का प्रोसेस भी अफीम के फूल से होता है। फूल को सुखाकर जो बीज निकाला जाता है वो खसखस होता है। जो कुकिंग और दवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खसखस की दुनियाभर में बहुत सारी किस्म हैं। पोषक तत्वों से भरपूर ये बीज शरीर के लिए फायदेमंद है। वैसे यह दो तरह का होता है। नीला और सफ़ेद खसखस।
खसखस में पाया जाता है ओमेगा-6, शरीर के विकास के लिए बेहतर
वजन बढ़ाने के लिए खसखस और दूध अच्छा विकल्प है। इसके आलावा खसखस का इस्तेमाल कई तरह की खाने की चीजों को बनाने के साथ-साथ कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है। इसमें ओमेगा -6 फैटी एसिड पाया जाता है जो शरीर के मेटाबोलिज्म और ग्रोथ के लिए अच्छा है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन, विटामिन-सी, विटामिन बी-6, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, खनिज और फाइबर पाया जाता है।
नीला खसखस- इसे यूरोपीय खसखस भी कहा जाता है, क्योंकि ये ज्यादातर ब्रेड और कन्फेक्शनरी में देखा जाता है।
सफेद खसखस-सफेद खसखस को भारतीय या एशियाई खसखस भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल ज्यादतर व्यंजनों में किया जाता है। भारत में, खसखस की सबसे आम किस्म सफेद बीज हैं जिन्हें भारतीय पोस्ता बीज भी कहा जाता है।
100 ग्राम खसखस में ये न्यूट्रिएंट्स होते हैं
खसखस दूध से याददाश्त मजबूत, गर्भ में पल रहे बच्चे का होगा विकास
खसखस दूध कोर्टिसोल जैसे तनाव का अहसास कराने वाले हाॅर्मोन लेवल को कम करके शरीर को फायदा पहुंचाता है। कॉर्टिसोल, स्टेरॉयड हार्मोनों में से एक है। ब्लड शुगर और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने, सूजन को कम करने के साथ याददाश्त मजबूत करने में कोर्टिसोल हाॅर्मोन की भूमिका है।
शरीर में नमक और पानी के बैलेंस बनाए रखने की वजह से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने में भी यह हाॅर्मोन सहायक है। कोर्टिसोल हाॅर्मोन महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे के विकास में मदद करता है। सुकून की नींद आती है। खसखस को करीब 2 घंटे तक दूध में भिगोने से बीजों की बाहरी परत नरम हो जाती है, जिससे इनका सेवन आसानी से किया जा सकता है।
वजन बढ़ाने के लिए खसखस
खसखस में मौजूद जिंक थायरॉयड ग्रंथियों के समुचित कार्य को बनाए रखने के लिए जाना जाता है। वहीं, मैंगनीज शुगर को मैनेज करता है। इसलिए, वजन बढ़ाने के लिए खसखस एक अच्छा विकल्प है।
खसखस को दूध के साथ कैसे खाएं
- 100 ग्राम खसखस में करीब 525 कैलोरी पाई जाती है। रोजाना खसखस का सेवन करने से कैलोरी मिलेगी, जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
- खसखस में कार्ब की मात्रा ज्यादा होती है। कार्बोहाइड्रेट एनर्जी देता है, साथ ही वजन बढ़ाने में मदद करता है। अगर आप 100 ग्राम खसखस का लेते हैं तो 28.13 ग्राम कार्ब्स की पूर्ति होगी।
- खसखस हेल्दी फैट और प्रोटीन का भी अच्छा सोर्स है। ऐसे में खसखस मांसपेशियों के विकास में मदद करता है। रोजाना खसखस और दूध पीने से प्रोटीन और फैट की कमी पूरी होगी और वजन बढेगा।
- इसके अलावा दूध में भी कैलोरी, कार्ब्स, प्रोटीन और हेल्दी फैट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो फुल फैट मिल्क का सेवन करना चाहिए।
- रोजाना खसखस वाला दूध पीने से भरपूर मात्रा में कैलोरी, फैट, प्रोटीन और कार्ब्स मिलेंगे। ये सभी पोषक तत्व वजन को बढ़ाने में काफी मदद करते हैं।
फर्टिलिटी क्षमता को बढ़ाता है
खसखस महिलाओं में फर्टिलिटी क्षमता में सुधार करता है। नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं के मुताबिक, पॉपी सीड्स के तेल से फैलोपियन ट्यूब को फ्लश करने से फर्टिलिटी में मदद मिल सकती है। फैलोपियन ट्यूब वो मार्ग होता है, जिससे एग यूट्रस तक जाते हैं। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अन्य शोध की मानें, तो विटामिन-ई प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार का काम कर सकता है। इसलिए, प्रजनन काल से गुजर रही महिलाओं को विटामिन-ई युक्त आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसी शोध में विटामिन-ई से समृद्ध आहार में खसखस भी शामिल किया गया है।
बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
खसखस में मौजूद जिंक और आयरन इम्यून सिस्टम मजबूत करने का काम करते हैं। आयरन शरीर में ऑक्सीजन ले जाने और जिंक नए सेल्स को बनाने और विकास करने में भूमिका निभाता है।
हड्डियों को मजबूत बनाए
खसखस कैल्शियम और तांबे से भरपूर होता है, जब आप अपनी हड्डियों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो इन दोनों पोषक तत्वों को लेने की सलाह दी जाती है। खसखस की मैंगनीज सामग्री प्रोटीन कोलेजन के निर्माण में सहायता करती है, जो हड्डियों को किसी भी गंभीर क्षति से बचाती है।
कब्ज और गैस से छुटकारा दिलाए
पेट की परेशानियों के लिए खसखस का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह फाइबर जैसे खास पोषक तत्व से भरपूर होता है, जो पेट से जुड़ी परेशानियों जैसे कब्ज, गैस से छुटकारा दिलाने का काम करता है। इसके अलावा, फाइबर कोलन कैंसर से भी रोकथाम करने का काम कर सकता है। रोजाना इसका सेवन पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।
कैसे खाएं खसखस
खसखस के बीजों को भिगोकर इन्हें पीस लें, फिर दूध में डालें और उबाल लें। इसके बाद यह दूध रात को सोते समय पी सकते हैं। कुछ दिनों तक रोजाना खसखस वाला दूध पीने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है।
खसखस के बीजों का पाउडर बना लें। रात को गर्म दूध में खसखस का पाउडर डालें। इसके अलावा आप इसमें सौंफ का पाउडर भी मिला सकते हैं। फिर रात को सोते समय इसे पी लें।
खसखस के नुकसान
खसखस गुणकारी होने के साथ साथ नुकसानदेह भी हो सकता है। जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से सेहत बिगड़ सकती है। एलर्जी, कब्ज, मतली और सुस्ती जैसी समस्या हो सकती है।
डिस्क्लेमर-यहां पर दी गई जानकारी मेडिकल सजेशन नहीं है। आपको कोई भी बीमारी या समस्या है तो अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लें।